2 most motivational stories in hindi | छोटी तितली के संघर्ष की कहानी | success stories for motivation | apnipaltan
success stories for motivation
Motivational stories |
नमस्कार दोस्तो, आशा करते है आप सभी अच्छे होंगे, खुश होंगे।। में आपका दोस्त फिर से हाज़िर हूँ। आपके लिये दो ऐसी कहानियाँ लेकर, जिन्हें पढ़ने के बाद आपका अपने करियर को लेकर नजरिया ही बदल जायेगा। तो दोस्तो कहानियाँ पूरी पढियेगा बड़े ध्यान से...
सन्त रामदास जी और रामकथा
आज में आपको ले कर चलना चाहता हु कोई एक हज़ार साल पहले, एक बहुत विद्वान सन्त हुए जिनका नाम रामदास था, वो राम जी के बहुत बड़े भक्त थे, बहुत प्रेम से रामकथा सुनाया करते, लोग बहुत आनंद के साथ उनकी रामकथा सुनने आया करते थे, धीरे धीरे उनकी रामकथा की बातें चारो ओर फैल गयी, लोग बहुत दूर-दूर से रामदास जी से राम कथा सुनने आने लगे। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी अकेले जीवित देव है उनकी मृत्यु का कोई प्रमाण शास्त्रो में नही है, इस कहानी के मुताबिक हनुमान जी भी रामदास जी से रामकथा सुनने आने लगे, वो बड़े खुश हो कर राम कथा सुना करते, एक दिन की बात है रामदास जी रामकथा में हनुमान जी के सीता माता की खोज में लंका जाने वाले हिस्से का वर्णन कर रहे थे, वो बोले कि जब हनुमान जी सीता माता को ढूढते हुए लंका में उस वाटिका में पहुँचे जहाँ सीता माता रहती थी, तो वहाँ चारो ओर सुंदर सुंदर सफेद पुष्पो लगे हुए थे इतना सुनते ही हनुमान जी को लगा कि कथा यहाँ गलत हो गयी क्योकी जब वो उस वाटिका में पहुँचे तो पुष्प तो लाल थे, ओर यही सोच कर उन्होंने रामदास जी को बीच मे ही टोक दिया, ओर हुआ ये की इस बात पर दोनों के बीच विवाद बढ़ गया, आखिर में दोनों राम जी के पास पहुँचे ओर पूरी बात बताई लेकिन राम जी बोले इसमें में तो कुछ कर ही नही सकता क्योंकि वाटिका में तो सीता माता थी, तो दोनों माता सीता के पास पहुँचे, ओर दोनों ने अपने अपने मन की बात और पूरा विवाद बताया तो माता सीता ने जो उत्तर दिया ध्यान दीजियेगा आप, सीता माता बोली कि हनुमान पुष्प तो वहाँ सफेद ही थे, पर जब तुम वाटिका में आये तो रावण पर गुस्से के कारण तुम्हारी आँखों मे खून उतर आया था, गुस्से के कारण तुम्हारी आंखें लाल हो गयी थी जिसके कारण तुम्हे सफेद पुष्प भी लाल दिखाई दे रहे थे इसी के साथ ये कहानी तो समाप्त हो गई लेकिन दोस्तो हमे क्या सीखने को मिला ?
तो दोस्तो हमे इस से ये सीखना चाहिये जिस भी इंसान या वस्तु के प्रति हमारा नजरिया जैसा होगा वो इंसान हमे वैसे ही दिखाई देगी। गणित में एक अंक होता है जिसे हम देखकर छः कहते है लेकिन हम में से ही बहुत लोगो को वो छः नही बल्कि नो दिखाई देता है रामायण की ही चोपाई भी है "जाकी रहे भावना जैसी प्रभु मूरत दिखे तिन तैसी" इसीलिये दोस्तो दुनिया मे गुण अवगुण सभी मे होते है लेकिन अगर हम सिर्फ हमारे काम आने वाले गुणों पर ही ध्यान दे तो हम कामयाबी के सफर में जिंदगी में एक कदम आगे बढ़ जायेंगे।
दोस्तो दुनिया मे इतने सारे संसाधन है लेकिन ये हमारा नजरिया ही तय करता है कि हम क्या चुनते है अगर हमने सही का चुनाव किया तो इस जिंदगी में हम बहुत कामयाब हो जाते है और वही अगर हमने चुनाव गलत कर लिया तो फिर हमारी जिंदगी भगवान को दोष देने में ही कट जाती है
Butterfly |
छोटी तितली की कहानी
आज से लगभग 10 साल पहेली बात है दो दोस्त थे। अनुज ओर गौरव दोनों की उम्र यही कोई 16, 17 साल रही होगी। दोनों एक दिन अपने घर के पास के बगीचे में खेल रहे थे। वही पास ही उन्होंने एक तितली को देखा जो वही बगीचे के एक कोने में एक तितली दिखाई दी जो अपने कोकून(तितली का अंडा) के पास बैठी थी। उन्होंने देखा कि उसमें से छोटी तितली बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी उन्हें ये देखने मे मज़ा आने लगा ओर वो शाम तक यही देखते रहे जब शाम हो गई तो वो दोनों अपने घर आ गये। उनमे से जो गौरव था वो कुछ ज्यादा ही उत्सुक था इसीलिये वो पूरी रात उस कोकून के बारे में ही सोचता रहा। सुबह जल्दी उठ कर वो सबसे पहले बगीचे में ही पहुँचा ओर देखा तो वह तितली का बच्चा अभी भी उससे बाहर निकलने के लिये संघर्ष ही कर रहा है अब उससे रहा नही गया और वह घर गया और घर से एक कैंची लाया ओर उस कोकून(अंडे) को काट दिया। काटने के बाद वो छोटी तितली बाहर तो आ गयी लेकिन उड़ नही पा रही थी उसने देखा ये क्या हुआ, अब तो ये अंडे से बाहर निकल गई अब तो इसे उड़ना चाहिये ये अब भी उड़ क्यो नही पा रही है। उसने ये बात अपने मित्र अनुज को बताई तो अनुज ने जो उसे जवाब दिया ध्यान दीजियेगा। अनुज ने कहा गौरव तूने बहुत गलत किया जो तितली का बच्चा था ना वो जब संघर्ष उस अंडे से बाहर आने के लिये संघर्ष करता है ना तो उससे एक लारवा निकलता है जिससे उसके पंख मजबुत हो जाते है। जिससे वो उस अंडे से बाहर आने के बाद आसानी से उड़ सकता है लेकिन तूने वो प्रक्रिया होने ही नही दी जिसकी वजह से वो अब कभी नही उड़ पायेगा। ये सुनकर गौरव को बहुत दुख हुआ लेकिन आज वो एक बात जान चुका था कि बिना संघर्ष के कोई इंसान अपने लक्ष्य में सफल नही हो सकता बस यही तक थी ये कहानी।
दोस्तो ये छोटी सी कहानी हमे बहुत कुछ सीखा जाती है, की हमे भी जीवन मे अगर कामयाब होना है तो संघर्ष तो करना पड़ेगा। क्योंकि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नही होता। इतिहास में अपना नाम लिखवाने के लिये संघर्ष तो करना ही पड़ेगा।
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BY_TeamApniPaltan
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