Holi festival 2020 | essay on holi in hindi | apnipaltan
Holi festival 2020 | essay on holi in hindi | apnipaltan
Holi festival |
नमस्कार दोस्तो, आशा करते है आप सभी अच्छे होंगे, खुश होंगे।। आज हम आपको भारत के सबसे प्रमुख त्योहारो में से एक होली के बारे में विस्तार से बतायेंगे, इस आर्टिकल की मदद से आप होली के ऊपर essay भी लिख सकते है।
होली क्यों मनाते है,
होली मनाने का कारण क्या है,
होली के त्योहार को कब मनाया जाता है,
होली का त्योहार कैसे मनाते है,
होली का महत्व क्या है,
होली,
भारत देश में मनाया जाने वाले सबसे प्रमुख त्यौहारो में से एक है। होली को सभी भारतवासी बड़ी धूम धाम से एक साथ मिलकर मनाते हैं। आपको बता दें कि होली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताने वाले कि, होली का त्यौहार कैसा होता है, होली को हम क्यों मनाते है, होली के त्योहार को मनाने का कारण क्या है, होली का वास्तव मे सही अर्थ क्या है ?Holi picture |
होली का त्योहार कब मनाया जाता है ?
रंगों का त्योहार होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ओर इस साल यानी 2020 में होली का त्योहार 10 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा।Holi festival |
होली के त्योहार को क्यों मनाया जाता है (होली से जुड़ी कहानी)
वैसे तो इस पर्व से अनेक कहानियां जुड़ी हुई है। लेकिन इनमें से सबसे प्रसिद्ध कहानी है, भक्त प्रह्लाद की। माना जाता है कि प्राचीन काल मे एक अत्यधिक बलशाली असुर राजा हुआ करता था। जिसका नाम था हिरण्यकशिपु था। अपने अत्यधिक बल और आसुरी शक्तियों के कारण वह खुद को ही ईश्वर मनाने लगा था। जिसके कारण उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही रोक लगा दी थी। लेकिन उसका बेटा प्रह्लाद ईश्वर भक्त था, जब उसने हिरण्यकशिपु की बात नही मानी तो उसने प्रह्लाद को मारने की योजना अपनी बहन होलिका की सहायता से बनाई। उसकी बहन होलिका को ये वरदान प्राप्त था कि वह अपनी शक्तियों के कारण आग में भस्म नही हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है। प्रतीक रूप से यह भी माना जाता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है। वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका (जलाने की लकड़ी) जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है।Holi festival |
होली कैसे मनाते है
रंगों का त्यौहार होली! हिंदुओं का पारंपरिक रूप से 2 दिनों तक मनाया जाने वाला त्यौहार है, रंगों के इस त्यौहार के आने से लगभग 7 - 8 दिन पहले से ही सबके मन मे इस त्योहार को लेकर बहुत उत्साह होता है। सभी लोग अपने घरों, ऑफिस, ओर स्कूलों की अच्छे से साफ सफाई करते है। इस त्यौहार में पहले दिन होली जलाई जाती है, जिसे होलिकादहन कहते हैं और दूसरे दिन होली खेली जाती है, जिसे धुरेड़ी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है। इस दिन सभी लोग बैर भाव को भुला कर एक-दूसरे के गले मिल कर गुलाल और अबीर आदि रंग लगाते हैं, इस लिए इसे भाईचारे का त्यौहार भी माना जाता हैअगर आप ऐसे ही ओर जानकारी पूर्ण आर्टिकल पढ़ना चाहते है तो नीचे दिये लिंक पर क्लिक करिए👇👇👇
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Thank You
BY_TeamApniPaltan
आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है सर, आपने होली पर अच्छे निबंध लिखे हैं मुझे एक ऐसे ही पोस्ट अव्सय्कता थी जो आपके ब्लॉग पर आककर पूर्ण हुई है। THANK YOU सो मच (हहोली का इतिहास)
ReplyDeleteGreat Blog with very informative information on Essay on Holi in Hindi
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